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लेखनी कहानी -31-Dec-2022



           इकतीस दिसंबर आज... साल का आखिरी दिन.... दिन महीनों के लिए चला गया और इसे देख रहा था, इस साल आखिरी दिन आज आया ... पिछले साल सभी को कुछ न कुछ दिया... वास्तव में यह हर किसी का दृष्टिकोण है कि आपको कुछ ऐसा मिला है जो आपसे कुछ खो गया है... दृष्टि के रूप में निर्माण... अच्छी तरह से देखा कि सब अच्छा लग रहा है.हर दिन नया दिन आपको कुछ सिखाता है..... एक नया अनुभव एक गाँठ के साथ जाता है.... वह क्षण जो फिर कभी वापस नहीं आया... तो आदमी को एक स्थायी वर्तमान में रहना चाहिए... अतीत के बारे में बदतर महसूस करें और एक पल जीएं जो भविष्य के बारे में चिंता करने के लिए जीने से आता है.... और हमेशा के लिए खुश रहने की कोशिश करें.... 
           इसे भूलकर, इसे एक नया दिन शुरू करना चाहिए... जब मैं सुबह उठता हूं, तो कल के पाटी कोरी पर मिस्टर को लिखें और एक अच्छा नया शुरू करें... लेकिन आदमी ऐसा नहीं करता है... आज यह सोचकर दिन खराब हो जाता है कि मैंने कल किसी के साथ कैसा व्यवहार किया. अगर कल कल ऐसा हुआ और आज फिर से शुरू हुआ, तो इस दुनिया में कोई भी इंसान जितना खुश नहीं है....
          अब ऐसा नहीं है कि मैं वह सब करने जा रहा हूं जो मैं आपको बता रहा हूं.  लेकिन मुझे छोटी-छोटी बातों में खुशी मिलती है .... खुश रहने की कोशिश कर रहा है... अब मैं निश्चित रूप से इस नए साल के बाकी पाने की कोशिश करूंगा ..... अब अगले साल सीधे आपकी यात्रा.... तब तक स्वस्थ रहें जब तक शांत रहें.... और मुझे अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करने के लिए मत भूलना.....

-अभिलाषा देशपांडे
-दैनिक प्रतियोगिता हेतू मेरा स्वैच्छिक लेख 

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5 Comments

Varsha_Upadhyay

03-Jan-2023 08:42 PM

शानदार

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Muskan khan

31-Dec-2022 07:14 PM

Nice

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SNEH KI DlARY

31-Dec-2022 04:24 PM

वाह

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